क्या आपने कभी नौकरी बदलने के बाद अपने PF ट्रांसफर के लिए महीनों इंतजार किया है? अच्छी खबर है — अब वो झंझट खत्म हो गया है। EPFO (कर्मचारी भविष्य निधि संगठन) ने ऐसा सिस्टम शुरू किया है, जिसमें नौकरी बदलते ही आपका EPF बैलेंस अपने आप नए अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
यह नया ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम 2025 से पूरी तरह लागू हो जाएगा। इसका मतलब है, अब न कोई फॉर्म भरना पड़ेगा, न पुराने ऑफिस के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
पहले क्या होता था: महीनों की देरी और पेपरवर्क का झंझट
पहले जब भी कोई कर्मचारी नौकरी बदलता था, उसे Form-13 भरना पड़ता था। फिर पुराने और नए एम्प्लॉयर दोनों से वैरिफिकेशन करवाना होता था।
इस पूरी प्रक्रिया में 1 से 2 महीने, कभी-कभी इससे भी ज्यादा समय लग जाता था।
कई बार क्लेम रिजेक्ट हो जाता, ब्याज (इंटरेस्ट) का नुकसान होता या फंड फंस जाता था। EPFO के आंकड़ों के मुताबिक, हर साल लाखों PF ट्रांसफर क्लेम पेंडिंग रहते थे।
अब नया सिस्टम कैसे काम करेगा
EPFO का नया ऑटो-ट्रांसफर सिस्टम पूरी तरह डिजिटल है। इसमें PF ट्रांसफर अपने आप हो जाएगा — कोई इंसानी दखल या पेपरवर्क नहीं।
यह ऐसे काम करेगा:
- जैसे ही कर्मचारी नई जॉब जॉइन करेगा, नया एम्प्लॉयर UAN (Universal Account Number) लिंक करेगा।
- EPFO पोर्टल पर आधार और KYC से आपकी पहचान ऑटोमैटिक वेरिफाई हो जाएगी।
- पुराना PF बैलेंस सीधे नए एम्प्लॉयर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
- पूरी प्रक्रिया 3 से 5 दिन में पूरी होगी।
जरूरी बात: आपका UAN एक्टिव और आधार से लिंक होना चाहिए।
कर्मचारियों को मिलेंगे 5 बड़े फायदे
- टाइम की बचत: पहले जहां PF ट्रांसफर में महीनों लगते थे, अब सिर्फ कुछ दिन।
- पेपरलेस प्रोसेस: कोई फॉर्म या डॉक्यूमेंट अपलोड करने की जरूरत नहीं।
- इंटरेस्ट कंटिन्यू रहेगा: बैलेंस ट्रांसफर के दौरान ब्याज नहीं रुकेगा।
- रिटायरमेंट पर पूरा फंड एक जगह: बार-बार नौकरी बदलने पर भी PF खाते बिखरेंगे नहीं।
- जॉब स्विच करना आसान: खासकर प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत।
डिजिटल इंडिया की दिशा में बड़ा कदम
EPFO ने कहा है कि इस फैसले से 10 करोड़ से ज्यादा कर्मचारियों को फायदा होगा। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, “ऑटोमैटिक ट्रांसफर से न सिर्फ समय बचेगा, बल्कि सिस्टम पूरी तरह पेपरलेस और सुरक्षित भी बनेगा।”
उन्होंने यह भी बताया कि UAN को आधार से लिंक करने से फ्रॉड के मामले कम होंगे और डेटा ट्रांसफर सुरक्षित रहेगा।
EPFO का लक्ष्य है कि 2025 की पहली तिमाही तक इस सिस्टम को देशभर में पूरी तरह लागू कर दिया जाए।
EPFO ने सभी कर्मचारियों से अपील की है कि वे अभी से अपना UAN एक्टिवेट करें, ताकि नए सिस्टम का फायदा तुरंत मिल सके।
2025 में EPFO सिस्टम में आएंगे और बदलाव
EPFO अब पूरे सिस्टम को डिजिटल बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में PF निकासी (withdrawal) भी ऑटोमैटिक हो सकती है।
अगर आपका UAN पुराना है या KYC अधूरा है, तो EPFO वेबसाइट या मोबाइल ऐप पर जाकर तुरंत अपडेट करें।
नई नौकरी जॉइन करने से पहले यह भी सुनिश्चित करें कि आपका पुराना PF अकाउंट क्लोज हुआ है या नहीं। इससे आपका रिटायरमेंट फंड सेफ और एकीकृत रहेगा।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. क्या EPF ट्रांसफर के लिए अब फॉर्म भरना जरूरी है?
नहीं। अब EPFO ऑटोमैटिक ट्रांसफर सिस्टम से PF बैलेंस खुद-ब-खुद नए अकाउंट में चला जाएगा।
2. ट्रांसफर में कितना समय लगेगा?
नए सिस्टम में PF ट्रांसफर 3 से 5 दिनों में पूरा हो जाएगा, बशर्ते UAN और आधार लिंक हों।
3. अगर मेरा UAN लिंक नहीं है तो क्या होगा?
आपको पहले EPFO पोर्टल या ऐप पर जाकर UAN एक्टिवेट और आधार लिंक करना होगा। तभी ऑटोमैटिक ट्रांसफर संभव है।





